📌 चंद्र ग्रह की भूमिका (Role of Chandra in Astrology):
चंद्रमा को नवग्रहों में मन का कारक ग्रह माना जाता है। यह हमारी भावनाओं, मानसिक स्थिति, सोचने की शक्ति, माता, मनोबल, कल्पनाशक्ति, और सौंदर्य से संबंधित होता है।
चंद्रमा का प्रभाव अत्यंत गहरा होता है क्योंकि यह सबसे तेज़ी से चलने वाला ग्रह है और रोज़ एक राशि बदलता है। यह जीवन में शांति, सुख और मन की स्थिरता प्रदान करता है।
🌙 चंद्र से संबंधित महत्वपूर्ण बातें:
| गुणधर्म | विवरण |
|---|---|
| प्रकृति | सौम्य (शांत, कोमल) |
| लिंग | स्त्रीलिंग |
| दिन | सोमवार |
| धातु | चांदी |
| दिशा | उत्तर-पश्चिम |
| शरीर का अंग | मन, मस्तिष्क, वाणी, हृदय |
| संबंध | माता, मातृत्व, मन |
🔺 कुंडली में उच्च का चंद्र (Uch ka Chandra):
-
राशि: वृषभ राशि (Taurus)
-
डिग्री: 3 डिग्री (वृषभ में)
-
लक्षण: जब चंद्रमा उच्च का होता है, तब व्यक्ति का मन शांत, स्थिर, रचनात्मक होता है। ऐसा व्यक्ति भावनात्मक रूप से मजबूत होता है, अच्छी कल्पनाशक्ति रखता है और समाज में लोकप्रिय होता है।
गुण:
-
माता से प्रेम और सहयोग मिलता है
-
मन की एकाग्रता उच्च स्तर की होती है
-
व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है
🔻 कुंडली में नीच का चंद्र (Neech ka Chandra):
-
राशि: वृश्चिक राशि (Scorpio)
-
डिग्री: 3 डिग्री (वृश्चिक में)
-
लक्षण: नीच का चंद्र कमजोर मन, अस्थिरता, भावनात्मक असंतुलन, चिंता, अवसाद जैसी स्थितियाँ ला सकता है। ऐसा व्यक्ति जल्दी दुखी हो सकता है या अधिक संवेदनशील होता है।
दोष:
-
भावनात्मक निर्णय लेने की आदत
-
माता से दूरी या माता का कष्ट
-
मानसिक चिंता, अवसाद की प्रवृत्ति
🌟 विशेष: नीचभंग योग (Neech Bhang Yog):
अगर नीच का चंद्र किसी शुभ ग्रह की दृष्टि में हो या उच्च के ग्रह के साथ युति में हो, तो नीचभंग राजयोग बन सकता है, जिससे उसके दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं और फल सकारात्मक मिलते हैं।
📌 चंद्र ग्रह का महत्व (Importance of Moon in Astrology):
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र को मन और भावना (Mind & Emotion) का प्रतीक माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति की मनोवृत्ति, मानसिक शांति, माता, सुख, कल्पनाशक्ति, नींद, मन की स्थिति, और सौम्यता से जुड़ा होता है।
चंद्रमा बहुत तेज़ी से चलने वाला ग्रह है और यह हर ढाई दिन में एक राशि बदलता है। इसीलिए यह हमारे दैनिक मूड, मानसिक संतुलन और भावनात्मक प्रतिक्रिया में गहरा असर डालता है।
🌙 चंद्र के मुख्य कारक (Moon Signifies):
| विषय | प्रतिनिधित्व करता है |
|---|---|
| मन | भावनाएँ, मानसिक स्थिति |
| माता | माँ और मातृत्व का सुख |
| नींद | सपने, विश्राम |
| वाणी | कोमलता, सौम्यता |
| स्वास्थ्य | मानसिक संतुलन, हॉर्मोन |
| राशि | कर्क (Cancer) — चंद्र की स्वराशि |
⚠️ चंद्र दोष क्या होता है? (Chandra Dosh)
चंद्र दोष तब माना जाता है जब:
-
चंद्रमा नीच का (वृश्चिक राशि में) हो
-
चंद्रमा पाप ग्रहों (राहु, केतु, शनि, मंगल) से ग्रस्त हो
-
चंद्रमा अमावस्या या कृष्ण पक्ष में अत्यंत कमजोर हो
-
चंद्रमा छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो और बलहीन हो
-
चंद्रमा “ग्रहण योग” (राहु/केतु के साथ) में हो
😞 कमजोर या दोषयुक्त चंद्र के लक्षण:
-
मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद
-
नींद न आना या डरावने सपने
-
मां से दूरी या माता को स्वास्थ्य समस्या
-
निर्णय लेने में असमर्थता
-
जल तत्व या त्वचा संबंधी रोग
-
अत्यधिक भावुकता, जल्दी रो पड़ना
🕉️ चंद्र दोष दूर करने के उपाय (Chandra Dosh Ke Upay):
🔹 1. चंद्र मंत्र जाप करें:
-
मंत्र: “ॐ सोमाय नमः”
-
या: “ॐ चन्द्राय नमः”
-
प्रतिदिन या सोमवार को 108 बार जाप करें।
🔹 2. शिव पूजा करें:
-
विशेषकर सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाएँ
-
शिव चंद्रमा को मस्तक पर धारण करते हैं, अतः इनसे चंद्र शांत होता है।
🔹 3. चंद्र यंत्र या चांदी पहनें:
-
चंद्र यंत्र को शुद्ध करके पूजा स्थल में रखें।
-
चांदी की अंगूठी या चांदी की चेन पहनना लाभकारी है।
🔹 4. माता का सम्मान करें:
-
माता की सेवा करें, उनसे आशीर्वाद लें।
-
यदि माता नहीं हैं, तो किसी वृद्ध महिला की सेवा करें।
🔹 5. सोमवार का व्रत रखें:
-
सफेद वस्त्र पहनें
-
सफेद भोजन (चावल, दूध, मिश्री, खीर) ग्रहण करें
-
चंद्रमा को अर्घ्य (जल में दूध मिलाकर) दें।
🔹 6. रत्न (यदि कुंडली अनुसार शुभ हो):
-
मोती (Pearl) धारण कर सकते हैं — लेकिन किसी अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली देखकर ही पहनें।
🕉️ चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय:
-
“ॐ सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें (108 बार)।
-
सोमवार को उपवास करें।
-
सफेद वस्त्र पहनें और सफेद चीजों (चावल, दूध, चीनी) का दान करें।
-
माता का सम्मान करें और सेवा करें।
-
रात्रि को चंद्रमा को देखें, मन की शांति के लिए ध्यान करें।